अणदा खाती कि रक्षार्थ लाव जोड़ना ( करणी माता चमत्कार )
मां करणी जी जब विवाह कर अपने ससुराल रवाना हुए तब सुवाप के पास एक गांव में पहुंचे । वहाॅं पर करणा (अणदा खाती ), जो करणी जी के चमत्कारों के बारे में जानता था , ने अपने घर पधारने व रात्रि - विश्राम करने की प्रार्थना की। उस दौरान अणदा कि मां ने करणी जी से पुत्र की रक्षार्थ आशिर्वाद वचन मांगा जिस पर करणी जी ने कहा कि तेरे पुत्र को कह देना कि विकट समय हो तो मेरा स्मरण कर ले। इसके कुछ दिन बाद आऊ गांव में अणदा एक कुएं में काठ (जमोत ) ठीक कर रहा था । ठीक करने के बाद वह चमड़े की चड़स पर बैठकर बाहर निकल रहा था कि अचानक लाव ( चमड़े का रस्सा ) टूट गई । वह कुएं के तले में गिर ही रहा था कि उस समय उसके मुंह से निकल गया कि ' हे करणी , रक्षा करें । ठीक उसी समय एक दंभी ( दो मुहें सांप ) ने वहां प्रकट हो लाव के दोनों छोरों को पकड़ लिया , अणदा को बाहर निकाल लिया ग उसके बाहर निकलते ही सांप अदृश्य हो गया। इस घटना से अणदा इतना प्रभावित हुआ कि वह सपरिवार देशनोक आकर बस गया , जहां आजतक उसके वंशज रह रहे है । Instagram/ Facebook - @charan_community ...
Comments
Post a Comment